अजब गजब: दुनिया की इन रहस्यमयी और डरावनी जगहों पर जाना मतलब मौत को दावत देना, भारत की दो जगह भी शामिल
- ये हैं दुनिया की सबसे खतरनाक जगहें
- इनमें भारत की दो जगह भी शामिल हैं
- यहां जाना मतलब मौत को दावत देना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। दुनियाभर में जहां कई खूबसूरत जगहे हैं तो कई खूबसूरत होने के साथ डरावनी और रहस्यमयी भी हैं। ये इतनी खौफनाक होती हैं कि यहां पर्यटकों का जाना मना होता है। क्योंकि यहां पहुंचकर लोगों की रूह कांप जाती है। आइए जानते हैं भारत समेत दुनियाभर में मौजूद ऐसी जगहों के बारे में
नाग आइलैंड, ब्राजील
इस द्वीप को दुनिया का सबसे रहस्यमयी और खतरनाक द्वीप माना जाता है। यह ब्राजील के प्रमुख शहर साओ पाओलो से 36 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां लाखों की संख्या में जहरीले सांप पाए जाते हैं। यहां जहरीले सांपों की कुल 4 हजार प्रजातियां हैं, जिनमें से कुछ बेहद ही खतरनाक हैं। कहा जाता है कि अब तक जो भी इस आइलैंड पर गया वो जिंदा नहीं लौटा। सुरक्षा कारणों चलते ही ब्राजील की सरकार ने वहां पर पर्यटकों के जाने पर रोक लगाया हुआ है। रिसर्च के हिसाब से केवल वैज्ञानिक ही वहां जा सकते हैं वो भी पूरी सावधानी के साथ।
बैरन द्वीप
भारत में स्थित इस द्वीप पर ऑस्ट्रेलिया के हर्ड द्वीप के जैसे ही ज्वालामुखी स्थित है। जानकारी के मुताबिक बैरन द्वीप भारत का ऐसा इकलौता द्वीप है जहां पर ज्वालामुखी है। अंडमान सागर में इस द्वीप पर पर्यटकों का जाना मना है वो इसे दूर से ही देख सकते हैं। इसानों के नहीं जाने चलते ही इसको बैरन द्वीप कहा जाता है।
अंडमान का नॉर्थ सेंटीनल द्वीप
भारत के अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में नॉर्थ सेंटीनल नाम का एक द्वीप है। यहां बाहरी लोगों के आने पर पूरी तरह से बैन लगा हुआ है। इस द्वीप पर केवल नाव के जरिए ही जाया जा सकता है। इस रहस्यमयी द्वीप पर कबीले के लोग रहते हैं। 60 हजार साल पुराने इंसानी कबीले के इन लोगों का बाहरी दुनिया से कोई भी संपर्क नहीं है। इस वजह से इस जनजाति और उनके इलाके को संरक्षित कैटेगरी में रखा गया है। जो भी कोई बाहरी इंसान इस द्वीप पर पहुंचने की कोशिश करता है उस पर यहां रहने वाले कबीले के लोग हमला कर उन्हें मार भी डालते हैं।
हर्ड द्वीप, ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी ध्रुव के पास मौजूद हर्ड आइलैंड एक ज्वालामुखीय आईलैंड है। वर्तमान समय में भी इस द्वीप पर ‘बिग बेन’ नाम की ज्वालामुखी सुलग रही है। सुरक्षा और प्राकृतिक संरक्षण को देखते हुए ऑस्ट्रलियाई सरकार ने इस द्वीप पर पर्यटकों के जाने पर रोक लगाई हुई है। 370 वर्ग किलोमीटर में फैला ये द्वीप हिंद महासागर से निकला है।